हमारी परदादी मूलतः उपचारक थीं, जो यह समझती थीं कि सुनहरा शहद अपने प्राकृतिक जीवाणुरोधी गुणों से घावों को भर सकता है और केसर युक्त चाय रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत और मनोदशा को बेहतर बना सकती है। आज का चिकित्सा अनुसंधान उनकी सहज अनुभूति को प्रमाणित करता रहता है: शहद और केसर जैसे प्राकृतिक तत्वों में शक्तिशाली चिकित्सीय गुण होते हैं जो शरीर और आत्मा, दोनों को स्वस्थ करते हैं।